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रानीखेत की रानी झील

D.N.Barola
D.N.Barola
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Identity of Ranikhet -Rani Jheel
Identity of Ranikhet -Rani Jheel

रानीखेत की पहचान दर्शाने के लिए हमारे पास क्या है ? नैनीताल की पहचान दर्शाने का सरल माध्यम है – नैनीताल झील ! रानीखेत की पहचान दर्शाने के लिए हमारे पास क्या है ? . इस लघु सर्वे का उत्तर हमारे फेसबुक फ्रेंड्स की तरफ से निम्न प्रकार आया है ! शीर्ष पर है – (1) सौन्दर्यीकृत रानी झील, (2) दूसरे स्थान पर है – गोल्फ ग्राउंड तथा (3) तीसरे स्थान पर है – गाँधी चौक ! पूर्ण विवरण इस लेख के अंत मैं दिया गया है ! उक्त विषय पर रानीखेत के बुद्धिजीवियों, पर्यटन प्रेमियों, व्यवसाइयों एवं आम जनता से एक विनम्र अनुरोध ! . कृपया रानीखेत के पर्यटन विकास के सम्बन्ध मैं इस लेख पर अपने विचार प्रकट करने का कष्ट कर हमें अनुग्रहित करें ! हमें विश्वास है कि एक बेहतर रानीखेत निर्माण हेतु आपका मार्गदर्शन अहम् भूमिका निभा सकता है ! रानीखेत एक पर्यटन नगरी है ! इसका मुख्य आकर्षण है लगभग 400 किलोमीटर लम्बी हिमालयन रेंज ! परन्तु समस्या यह है कि सीजन के दौरान अर्थात मई व जून मैं धुंध के कारण हिमालय के दर्शन कभी कभार ही होते है ! यही वह समय होता है जब सीजन अपने यौवन पर होता है तथा हर व्यक्ति इसका बेसब्री से इंतजार करता है तथा पर्यटक हिमालय दर्शन के लिए आता है पर हिमालय दर्शन न होने से वह निराश हो जाता है ! इसके बिपरीत सितम्बर व अक्टूबर के महीनों मैं तथा शरद ऋतू मैं हिमालय की चोटियाँ रंग बदलती एवं चमचमाती हुई अद्भुत नजारा पेश करती हैं ! पर्यटक ऑटम सीजन मैं हिमालय निहारता भाव विभोर हो जाता है ! . हम चाहते हैं कि नैनीताल की तर्ज पर रानीखेत की पहिचान हेतु कोई न कोई स्थल चयनित किया जाना चाहिए जिससे की उस स्थल का विकास एवं प्रचार कर पर्यटकों को रानीखेत आमंत्रित किया जा सके ! यदि मैं कहूं कि नैनीताल से ज्यादा ख़ूबसूरत तो रानीखेत है तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी ! हमारे पास विश्व की सबसे लम्बी हिमालयन रेंज है और अब तो रानी झील भी है ! बस इसे सजाने सवारने की ही तो जरूरत है ! हमारे पास एक और चीज भी है वह है शांतिप्रिय माहौल ! पर्यटक इसी के लिए तो हिल स्टेशन पर आना चाहता है ! इन सब बातों को ध्यान मैं रखते हुए हमने फेसबुक के माध्यम से एक सर्वे कराने का प्रयास किया ! हम मानते हैं की सर्वे का दायरा बहुत छोटा है ! परन्तु हमें इस सर्वे से यह तो पता चला कि एक बुद्धिजीवी समूह की इस सम्बन्ध मैं राय क्या है ? अधिकाँश लोगों की पसंद इस लघु सर्वे के अनुसार “सौंदर्यीकृत रानी झील” है अर्थात वर्तमान झील का सौन्दर्यीकरण आवश्यक है ! कटक पालिका ने इस झील का निर्माण ही रानीखेत के सौन्दर्य मैं चार चाँद लगाने के लिए किया था ! परन्तु लगभग 10 साल बीतने पर भी जो स्वप्न इसके निर्माणकर्ताओं ने संजोये थे वह इसकी देख रेख के कारण पूरे नहीं हो सके हैं ! उस समय यह अपेक्षा थी कि इस झील के चारों ओर एक सड़क होगी तथा झील के चारों और रंग बिरंगी रोशनी का घेरा बनाया जाएगा ! कल ही मैंने इस झील का दौरा किया ! झील के तीनों ओर सड़क है जिसकी स्थिति ठीक-ठाक है ! सड़क की लम्बाई लगभग आधा किलोमीटर से कुछ अधिक है ! लेकिन मुझे यह देख कर सुखद आश्चर्य हुआ कि झील के चारों ओर लोग चहल कदमी कर रहे थे ! कुछ लोग सपत्नीक भी घूम रहे थे ! महिलाओं का झुण्ड भी शायंकालीन वाक हेतु दिखाई दे रहा था ! मालूम हुआ कि प्रातः काल मैं यह संख्या ज्यादा होती है ! इस प्रकार मुझे ऐसा लगता है कि झील के सौंदर्यीकरण बाद यह नैनीताल के माल रोड की तरह एक लोकप्रिय वॉकिंग प्लाजा (Popular Walking Plaza) का रूप ले सकता है और पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बन सकता है ! . कुछ लोगों ने सुझाव दिया है कि झील मैं जिस भी गधेरे से पानी आता है उस पानी को झील मैं प्रवेश से पहले फ़िल्टर किया जाना चाहिए ! यह सुझाव कितना व्यावहारिक है इसका परीक्षण कटक पालिका आसानी से कर सकती है ! झील मैं स्वच्छ पानी का प्रवेश हमारी वरीयता होनी चाहिए तथा इसके साथ ही झील को सीजन के दौरान लबालब भरा होना आवश्यकीय है ! इस हेतु प्रयास करने होंगे ! इस कार्य को कटक पालिका, कुमायूं मंडल विकास निगम एवं पर्यटन विभाग आपसी तालमेल से बखूबी कर सकते है ! झील को स्वच्छ रखने हेतु कुछ तो करना ही होगा ! इसलिए कुछ लोगों ने सुझाव दिया है कि पानी को शुद्ध करने के लिए नैनीताल की तर्ज पर ऐरिनेसन (Aeration) सिस्टम लगाया जाना चाहिये ! इसकी कीमत पांच लाख से भी बहुत कम आयेगी ! एक सुझाव है कि कटक पालिका 2-3 इंच पानी झील के काफी अन्दर प्रवाहित करे ! यह पानी झील के भरने पर ओवरफ्लो के रूप मैं झील से बाहर आयेगा ! इस पानी को कटक पालिका फिर से इस्तेमाल कर सकती है ! स्वच्छ पानी मैं मछलियाँ भी झील की शोभा को बढ़ा सकती हैं ! कटक पालिका ने झील मैं विभिन्न प्रजातियों की मछलियाँ पहले से ही पाल रखी है ! इस प्रकार कटक पालिका भी झील को स्वच्छ रखने का प्रयास कर रही है ! परन्तु इस ओर ज्यादा प्रयास करने होंगे ! झील को मुंबई के मैरीन ड्राइव की तर्ज पर ‘क्वीन’स नेकलेस’ (Queen’s Necklace) या नैनी झील, नैनीताल की तर्ज पर विकसित करने की कल्पना को ध्यान मैं रखते इस ओर कार्य किया जा सकता है ! कुछ समय बाद झील का क्षेत्रफल विकसित करने हेतु भी योजना का निर्माण किया जा सकता है ! झील के क्षेत्रपल को बढाने के साथ ही झील को चौकोर बनाने हेतु एक छोटी सड़क का निर्माण भी करना होगा ! झील को साफ़ रखने के लिए ओवरफ्लो पानी का उपयोग शहर मैं किया जा सकता है ! रानीखेत स्थापना स्थल ! किवदंती है कि कत्युरी वंश के राजा सुधारदेव की रानी पद्मावती ग्रीष्मकालीन प्रवास हेतु इस स्थल (रानीखेत) मैं हरे भरे खेतों मैं आकर विश्राम करती थी ! रानी इस स्थान की सुन्दरता से अभिभूत हो गई ! इस कारण राजा सुधारदेव ने इस स्थान पर एक महल की स्थापना कर डाली ! रानी द्वारा खेतों मैं आकर प्रवास करने के कारण ही इस स्थान का नाम रानी-खेत (Queen’s Field) पड़ा ! उस समय राजा जिस स्थल पर भी विजय प्राप्त करते थे उस स्थान पर राज्य की सरहद पर ख़ूबसूरत स्तंभों का निर्माण कर दिया करते थे ! इन्हीं स्तंभों मैं से एक स्तंभ सोमनाथ ग्राउंड के पास अल्मोड़ा को जाने वाले सड़क तथा यदुनाथ द्वार के बीच रानीखेत मैं भी स्थापित था ! इस स्तंभ को धार्मिक विधि विधान के साथ सेना ने शिव मंदिर के समीप एक नए खूबसूरत मंदिर मैं सितम्बर, 2015 को शिवलिंग के रूप मैं स्थापित कर दिया ! इस स्तम्भ मैं विभिन्न देवी देवताओं की प्रतिमा उकेरी गयी है ! जानकार लोग कहते हैं कि यह स्तंभ सन 1,450 या पहले स्थापित किये गए होंगे ! इसलिए इस स्थान को रानीखेत की स्थापना का स्थल कहा जाता है ! रानीखेत के लिए तीन नाम बहुत इम्पोर्टेन्ट हैं ! रानी, पद्मिनी तथा हिमालय ! खास तौर से रानी और हिमालय ! संभवतया इसीलिये जब हमारे उत्साही मुख्य अधिशाषी अधिकारी श्री डी०एन० यादव ने इस झील का निर्माण करवाया तो इसका नाम रानी झील रखा था ! यदि जनता चाहे तो हम कुछ नए पुराने स्थलों का नाम ‘रानी’ या ‘हिमालय’ के नाम से रख कर रानीखेत को इन नामों से प्रसिद्धि दिलाने का प्रयास कर सकते हैं ! फेसबुक फ्रेंड्स के बीच ‘लघु सर्वे’ का विवरण आपके सूचनार्थ पेश है ! *****************स्कोरबोर्ड******************* स्थल का नाम लाइक कमेंट्स शेयर 1) रानी झील……… …55………..14……… 4 2) गोल्फ ग्राउंड……….50………..18……….2 3) गाँधी चौक…………43………..13……….1 4) चाइना व्यू…………35………….9………..3 5) चर्च………………….26………….4………..Nil 6) हैडाखान मंदिर……19………….. .7………Nil 7) खड़ी बाजार……….10…………..2 ………..Nil 8) जय जवान स्थल…..9———–Nil———1 9) नर सिंह ग्राउंड……..6…………..2…………Nil 10)हिमालयन रेंज……… 5———–1———.Nil डी एन बड़ोला, निदेशक, कुमायूं मंडल विकास निगम

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